मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान

मानवाधिकार का मूल आशय उस न्यूनतम स्वतंत्रता से है जो सिर्फ मनुष्य होने के नाते किसी व्यक्ति को मिलनी चाहिए। साथ ही उसके मूल अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा भी होनी चाहिए, ताकि प्रत्येक व्यक्ति अपने पूर्ण विकास की दशि में आगे बढ़ सके। सामाजिक उद्देश्यों और लक्ष्यों की पूर्ति में अपना योगदान दे सके तथा सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर सके। इस प्रकार मानवाधिकार मनुष्य के समग्र विकास के लिए अस्त्र है। हमारे राष्ट्र के लिए जीवन में केवल आजादी ही मायने नहीं रखती बल्कि उसमें अनवरत रूप से लोकतान्त्रिक व्यवस्था का कायम रहना अत्यंत महत्वूपर्ण है। हमारे संविधान में हर प्रकार के भेदभाव की समाप्ति के लिए पर्याप्त प्रावधान निहित हैं। इस दिशा में मानव अधिकारों की चेतना का असंदिग्ध रूप् से विशेष महत्व है।

मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान की स्थापना 8 नवंबर सन् 2001 को संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. जगन्नाथ मिश्र (पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री) के कुशल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। बिगत 20 वर्षों से यह संस्था मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत है। संस्था के सदस्य भारत के अनेक राज्यों में मानवाधिकार संरक्षण के लिए सक्रिय है। संस्था द्वारा समय समय पर मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों पर कार्यशाला का आयोजन होता रहता है। इसी कड़ी में बिहार राज्य द्वारा इकाई द्वारा बिहार की पीड़ा से जुड़िए कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहा है। संस्थान अपने संस्थापक अध्यक्ष स्व0 जगन्नाथ मिश्र के कुशल नेतृत्व में कुछ वर्षों में ही 10 राज्य 70 से अधिक जिला इकाईयों एवं 10000 से अधिक सदस्यों के वृहद परिवार के रूप में फला बढ़ा । सन् 2019 में संस्थापक अध्यक्ष के निधन के उपरांत यह संस्था वर्तमान अध्यक्ष श्री नीतीश मिश्रा (सदस्य विहार विधानसभा सह पूर्व मंत्री, बिहार) के कुशल नेतृत्व में मानवाधिकार संरक्षण कार्यों को आगे बढ़ाने हेतु दृढ़ संकल्पित है।

संकल्प

मानवाधिकार की समस्या के निराकरण के लिए मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान अपने स्थापना काल से ही दृढ़ प्रतिज्ञ रहा है और हमें विगत वर्षों में इसमें सफलता भी मिली है। हम मानवीय मूल्यो, समानता, सहिष्णुता, अहिंसा, परोपकारिता, नारी-सम्मान एवं जन कल्याण कार्यों में पारदर्शिता आदि के कसौटी पर खरा उतरकर मानवाधिकार संरक्षण के लिए सदैव संकल्पित है ।

उद्देश्य

हमारा उद्देश्य मानव अधिकारों की चेतना के व्यापक विस्तार के लक्ष्य को पाने के साथ-साथ मानव अधिकारों की सोच के नए मार्ग को प्रशस्त करना है। हमारा उद्देश्य मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान को एक ऐसे मंच के रूप में स्थापित करना है जो संविधान प्रदत्त मानवाधिकार से जुड़े आम आदमी की आवाज को सही जगह प्रभावी तरीके से पहुंचाए।

अपेक्षा

मानवाधिकार कार्य क्षेत्र अत्यंत व्यापक है और वर्तमान परिस्थिति में इसपर हमेशा विचार करते रहना आवश्यक है। अतः आपसे अनुरोध है मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान से जुड़ें ओर इसके उद्देश्य जन जन तक पहुँचाएँ। साथ ही आप न केवल अपने अमूल्य सुझाव व विचार दें, बल्कि हमसे अपनी समस्या भी विस्तार से स्पष्ट करते हुए साझा करें। इससे मानवाधिकार की नई उद्भावनाओं का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।